कविता का शीर्षक ( राधा का प्यास )

राधा कृष्ण दर्शन की प्यासी ताक ताक रहिया रोए। आंसू गिरे गगरी भर भर जाए। चल गए प्रदेश स्वामी जी रहिया फीकी फीकी लगे। देख कर गगरी आंसू भर आता। लाख बार बिनती किए प्रभु आप आ जाओ तन भी आप का मन भी आप का ,ये जग भी आप कोई नहीं है, तुम से छूटा। रचनाकार रोहित त्रिपाठी रामजस कॉलेज हिंदी विभाग दिल्ली विश्वविद्यालय 110059

Comments

Popular posts from this blog

Empowering Weight Loss Solutions for a Healthier You!"

fitness is goodness ..