हार्ट अटैक की समस्य और हल अगर ये कर ले गए तो कोई दवाई खाने की जरुरत नहीं पड़ेगी !
एक दिन की CGHS सेंटर गया था वहाँ देखा तो मेरा आत्मा दुखी हो गया !
आप सब भी जानना चाह रहे होंगे ! की ऐसा हम ने क्या देखा , यही देखा वहाँ बड़े बड़े थैले लेकर दवा को भर रहे थे !
उसी दिन से मैंने सोच लिया जैसे भी ये न्यूज़ दू दुगा जरूर !
पहले इसे देखो फिर प्रयोग करो भी फिर जब ठीक हो जाओ तो विश्वास करो
@ ALOE VERA GEL
इसे कैसे लेना है रोज 30 या ४० ग्राम खली पेट उसके बाद 15 मिनट बाद एक गिलास थोड़ा गरम पानी पीना है , इसे लेने पर , पेट ख़राब भी हो सकता तो आप खबराए नहीं , ये आप के शरीर के अंदर की सफाई के लिए है जो भी आप ने खाद, यूरिया , केमिकल से उगाई हुई चीजों को कहते है ,
@ARCTIC SEA
1.) अधिक उम्र हार्ट अटैक का एक कारण अधिक उम्र भी हो सकती है। पुरुषों में 45 साल
से अधिक तथा महिलाओं में 55 साल से अधिक की उम्र में हार्ट अटैक या ह्रदयाघात की
संभावना बढ़ जाती है।
2.) मानसिक स्थिति
जी हाँ, ये बात भले ही सुनने में थोड़ी सी अजीब लगे लेकिन मानसिक स्थिति के कारण भी हृदय को नुक़सान पहुँच सकता है। कई मामलों में डिप्रेशन या तनाव के चलते भी हार्ट अटैक की समस्या देखने को मिलती है।
3.) तम्बाकू या धूम्रपान जो लोग तंबाकू का सेवन करते हैं या फिर वे सिगरेट के द्वारा
धूम्रपान करते हैं तो ऐसे में उन्हें हार्ट अटैक की संभावना काफ़ी बढ़ जाती है। इसी
के साथ साथ ऐसे लोग जो सिगरेट पीने वालों के साथ रहते हैं उन्हें भी हार्ट अटैक की
संभावना रहती है। लंबे समय तक सेकेंड हैंड स्मोक अर्थात सिगरेट पीने वाले के द्वारा
छोड़े गए धुएं के संपर्क में रहने से हार्ट अटैक की संभावना काफ़ी बढ़ जाती है।
4.) मोटापा
मोटापा ना सिर्फ़ हार्ट अटैक को ही जन्म देता है बल्कि इसके साथ ही ये व्यक्ति को अवसाद और अन्य बीमारियां भी देता है। दरअसल हमारे शरीर में फ़ैट या वसा की एक उचित मात्रा होना ही ज़रूरी है। जब हम कोई चीज़ खाते हैं तो उसमें से फ़ैट हमारे शरीर में आता है। कई बार ये फ़ैट अधिक होने के कारण शरीर में जमा होने लगता है।
वैसे तो वसा शरीर को ऊर्जा देता है लेकिन अधिक मात्रा में लिया गया फ़ैट या वसा
नसों के किनारों पर जमने लगता है। इस तरह नसें संकरी होने लगती है। इससे नसों में
रक्त का प्रवाह सुचारु रूप से नहीं होता और वह बाधित होने लगता है। ऐसी स्थिति में
कभी कभी नसों में क्लॉटिंग भी हो सकती है। अब हम कह सकते हैं कि यह स्थिति हार्ट
अटैक को जन्म दे सकती है।
5.) उच्च रक्तचाप
हमारे शरीर में होने वाली समस्त प्रक्रियाएं सामान्य ही होनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर हमारी नसों में रक्त का प्रवाह एक निश्चित गति से होता है और यह निश्चित ही होना चाहिए। यदि नसों में रक्त का प्रवाह धीमा या ज़्यादा हो जाता है तो ऐसे में हृदय रोग की संभावना काफ़ी बढ़ जाती है।
ऐसे लोग जो काफ़ी समय से उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे हैं उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ज़्यादा लंबे समय तक रहने वाला उच्च रक्तचाप हार्ट अटैक जैसी ख़तरनाक बीमारी को जन्म दे सकता है।
6.) मेटाबोलिक सिंड्रोम
जब कोई व्यक्ति मोटापे, हाई ब्लडप्रेशर और हाई ब्लड शुगर (उच्च रक्त वसा) की समस्या से लगातार जूझ रहा होता है तो इस स्थिति को मेटाबोलिक सिंड्रोम के नाम से जानते हैं। यह स्थिति भी हार्ट अटैक के ख़तरे को बढ़ाती है।
7.) पारिवारिक इतिहास
यदि परिवार के किसी सदस्य को पहले कभी हार्ट अटैक आया हो तो ऐसे में अगली पीढ़ी में के लोगों में हार्ट अटैक की संभावना काफ़ी बढ़ जाती है। यदि पहले कभी आपके परिवार में किसी पुरुष को 55 की उम्र में तथा महिला को 65 साल की उम्र में हार्ट अटैक आया हो तो ऐसे में आप पर भी हार्ट अटैक का ख़तरा बढ़ जाता है। यह एक रिसर्च की पुष्टि है लेकिन ज़रूरी नहीं कि ये बात हर बार हर व्यक्ति पर लागू हो। वैसे तो पारिवारिक इतिहास के चलते हार्ट अटैक के ख़तरे की संभावना को व्यक्त किया जाता है लेकिन यदि व्यक्ति अपना ख़याल रखें तो ऐसे में वो इस ख़तरे से बच सकता है।
8.) फ़िटनेस की कमी
जैसा कि हम ने बताया कि शरीर में वसा के जमाव के कारण हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है। यदि आप अपने आहार में कैलोरी की अधिक मात्रा लेते हैं और इसके बावजूद फ़िटनेस या कोई अन्य शारीरिक गतिविधि नहीं करते हैं तो ऐसे में हार्ट अटैक का ख़तरा काफ़ी बढ़ जाता है।
9.) अन्य कारण
इसके अलावा ज़्यादा मात्रा में शराब का सेवन, किसी प्रकार की दवाई का सेवन, नशे की लत इत्यादि से भी हार्ट अटैक का ख़तरा बढ़ सकता है।
हार्ट अटैक से बचने के लिए ध्यान दें निम्नलिखित बिंदुओं पर-
1.) शरीर में दिख रहे किसी भी प्रकार के कोई भी लक्षण को अनदेखा न करें। 2.) यदि
आपके शरीर में किसी भी जगह पर कोई दर्द या सूजन हो तो ऐसे में तुरंत इसका उपचार
करवायें। सीने में दर्द या जलन तथा बाएँ हाथ में लगातार दर्द होने पर डॉक्टर के पास
जाएं।
3.) अपने आहार में अच्छी चीज़ों को शामिल करें। आहार को संतुलित रखें। ज़्यादा कैलोरीयुक्त भोजन न करें। प्रतिदिन फल तथा जूस का भी सेवन करते रहें।
4.) फ़िटनेस पर ध्यान दे। शरीर पर अतिरिक्त वसा को जमने ना दें। जितना हो सके पैदल
चलने की कोशिश करें। 5.) नकारात्मक विचारों को स्वयं से दूर रखें। यदि आपको किसी
प्रकार का डिप्रेशन या तनाव है तो उससे छुटकारा पाने की कोशिश करें।
6.) किसी भी प्रकार की समस्या होने पर सिर्फ़ डॉक्टर के परामर्श को ही अपनाएं। इधर उधर से जानकारी एकत्र करके उसे स्वयं पर लागू ना करें। यह ख़तरे से ख़ाली नहीं है।
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निष्कर्ष
अपनी सेहत का ख़याल रखना बहुत ज़रूरी है। यह जीवन हर व्यक्ति को एक बार ही मिलता है और इसलिए यह ज़रूरी है कि इस जीवन की क़द्र की जाए। बीमारियों के प्रति कभी भी लापरवाही न रखें। जितना हो सके इनके बारे में जानने की कोशिश करें। इसी के साथ यह ख़याल रखें कि आप जिन जगहों से ज्ञान हासिल कर रहे हैं वे सही हैं।
किसी भी बीमारी के लिए हमेशा उचित ज्ञान का होना ही ज़रूरी है। इसी उद्देश्य के साथ
आज हमने हार्ट अटैक से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण और सही बातों को आपसे साझा किया है।
हम आशा करते हैं कि आज के अपने इस लेख में हमने हार्ट अटैक से संबंधित जो बातें
बतायी हैं वे आपके लिए काफ़ी उपयोगी साबित होगी। इस लेख से संबंधित किसी भी प्रकार
के सवाल या सुझाव को आप कॉमेंट बॉक्स में लिखकर हमसे शेयर कर सकते हैं।
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